राधिका और यश इन दोनों की शादी घर वालों ने जबरदस्ती करा दी और इन दोनों को मजबूरी में शादी करनी पड़ी यह बस एक नाम का रिश्ता था जिसे ये दोनों मजबूरी में निभा रहे थे एक कमरे में रहते हुए भी यह दोनों अजनबीयों की तरह रहा करते थे
ek rishta aisa bhi Sacha Pyar
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Drek rishta aisa bhi Sacha Pyar |
जबरदस्ती शादी करा देने की वजह से राधिका अपने माता-पिता से सारे रिश्ते तोड़ देती है और अपने घर पर कभी नहीं जाती है लाख बुलाने के बावजूद भी क्योंकि वो ये शादी नहीं करना चाहती थी वह पढ़ लिख कर एक डॉक्टर बनना चाहती थी उसने अपने माता-पिता से बहुत मिन्नतें करी कि मेरी शादी मत करो.
लेकिन उसके माता-पिता ने उसकी एक ना सुनी और जबरदस्ती शादी करा दी और उसका सपना अधूरा ही रह गया मजबूरी में आकर यह दोनों शादी तो कर लेते हैं, लेकिन इन दोनों के बीच पति-पत्नी जैसा कोई रिश्ता नहीं था यह बस एक नाम का रिश्ता था.
इन दोनों की शादी को 2 महीने हो चुके थे लेकिन एक बार भी इन दोनों ने आपस में ठीक से बात नहीं की थी यह दोनों एक-दूसरे से काफी कटे कटे से रहते थे ना ही एक दूसरे से बात करना पसंद करते थे लेकिन यह जो लड़का था यश ये काफी अच्छा इंसान था.
यह हमेशा सबको समझने की कोशिश करता था इससे किसी का भी दुख नहीं देखा जाता था यह सब की तकलीफ और दुख को अपनी तकलीफ और दुख समझता था और यही कारण था कि उसने कभी भी राधिका पर अपने पति होने का अधिकार नहीं थोपा.
क्योंकि वो यह जानता था कि जिन हालातों में हमारी शादी हुई है उन हालातों से वह अकेला ही परेशान नहीं है यह बेचारी लड़की भी काफी परेशान होगी और यश ने राधिका पर कभी भी किसी भी तरह का कोई हक जताने की कोशिश नहीं करी उल्टा वह तो उसे हमेशा समझने की कोशिश करता था.
राधिका हमेशा ही काफी गुमसुम और डरी डरी रहा करती थी और यश को यह सब देखकर बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था यश हमेशा उल्टी पुल्टी हरकतें करके उसके चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश करता था ताकि वह उससे बात कर सके लेकिन राधिका बात ही नहीं करती थी और गुमसुम ही रहा करती थी.
एक दिन जब यश घर वापस आता है तो वह देखता है कि राधिका बहुत बुरी तरह से रो रही थी उसे रोता देखकर यश उसके पास जाता है और बोलता है कि मैं जानता हूं कि हमारी शादी जिन हालातों में हुई है उस सब से तुम खुश नहीं हो अब मैं और तुम्हें यूं घुट घुट के मरते हुए नहीं देख सकता.
तुम्हें अब और कोई जरूरत नहीं है इस मजबूरी के रिश्ते को निभाने की मैं कल ही तुम्हें तुम्हारे मम्मी पापा के पास छोड़ आऊंगा अब और तुम्हें रोने की जरूरत नहीं है यह सारी बातें सुनने के बाद राधिका पहली बार यश से कुछ बोली वह बोलती है कि मुझे अपने घर नहीं जाना बात वह नहीं है.
Ek rishta aisa bhi Sacha Pyar
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ek rishta aisa bhi Sacha Pyar |
बल्कि तुम तो एक बहुत अच्छे इंसान हो, मुझे तुमसे कोई प्रॉब्लम नहीं है तुमने तो कभी पति होने का अधिकार भी मुझ पर नहीं जमाया ना ही कभी मेरे नजदीक आने की कोशिश करी तुमसे अच्छा इंसान तो इस दुनिया में और कोई हो ही नहीं सकता और मैं जानती हूं कि मेरे इस बिहेवियर से तुम्हें दुख होता है और इसके लिए प्लीज मुझे माफ कर दो.
यह सब सुनने के बाद यश बोलता है कि मैं तुम्हें अच्छे से समझ सकता हूं तुम्हें कुछ बोलने की जरूरत नहीं है लेकिन तुम्हारा ऐसे गुमसुम रहना ऐसे हमेशा उदास रहना इस सब के पीछे कारण क्या है प्लीज वो तो मुझे बता दो तब राधिका यश को बताती है कि वह एक डॉक्टर बनना चाहती थी लेकिन उसकी शादी जबरदस्ती करा दी गई.
वह पूरी तरह से अपने दिल की बात बताती है कि वह बचपन से ही एक डॉक्टर बनना चाहती थी लेकिन जबरदस्ती शादी होने की वजह से अब यह सपना अधूरा ही रह गया राधिका की यह सब बातें सुनने के बाद यश बोलता है कि तुम्हारा सपना अधूरा नहीं रहेगा तुम्हारा सपना पूरा करने में मैं तुम्हारी मदद करूंगा मैं हर तरह से तुम्हारे साथ हूं.
एक दोस्त की तरह तुम मुझे अपनी समस्या बता सकती हो अपनी सारी प्रॉब्लम्स मुझसे शेयर कर सकती हो और अब तुम्हारे सपने को पूरा कराना मेरी जिम्मेदारी है और यश राधिका का शहर के एक नामी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन करवाता है यश राधिका की पढ़ने में बहुत मदद करता है उसको काफी मोटिवेट करता है जब वह पढ़ते पढ़ते थक जाती है तो उसके लिए कॉफी बना कर लाता है.
उसकी काफी केयर करता है, उसका काफी ध्यान रखता है उसको मेंटली और इमोशनली काफी सपोर्ट करता है उसको बहुत समझाता है इसी बीच दोनों के बीच काफी अच्छी दोस्ती हो जाती है दोनों एक दूसरे को काफी अच्छे से समझने लग जाते हैं और धीरे-धीरे यह दोस्ती बहुत जल्दी प्यार में बदल चुकी थी यह दोनों अब एक दूसरे को बहुत प्यार करने लगे थे.
इसी तरह पूरे 6 साल बीत चुके थे और अब वह दिन आया जिसका राधिका बेसब्री से इतने सालों से इंतजार कर रही थी वह पूरे मेडिकल कॉलेज में टॉप करती है अपना रिजल्ट देखने के बाद राधिका खुशी के मारे यश को गले लगा लेती है और बोलती है कि तुम मेरी लाइफ में भगवान बन कर आए अगर तुम ना होते तो आज मैं इस मुकाम पर कभी नहीं पहुंचती मेरी सफलता का सारा क्रेडिट तुम्हें जाता है.
मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं तुम्हारा शुक्रिया किस मुंह से करूं मेरे पास शब्द नहीं है तुम्हारा शुक्रिया करने के लिए यश बोलता है कि तुम्हें कुछ बोलने की जरूरत नहीं है मुझे सब पता है एंड कांग्रेचुलेशन और राधिका बोलती है कि एक बात और भी है जो मुझे तुम्हें बतानी है कि मैं तुम्हें बहुत प्यार करती हूं आई लव यू सो मच हमारी शादी जिन हालातों में हुई उस समय मैंने तुमसे मन से शादी नहीं की थी.
और मैं तुमसे दोबारा शादी करना चाहती हूं इस बार पूरे मन से सच्चे दिल से मैं तुमसे शादी करना चाहती हूं और दोबारा से दोनों शादी कर लेते हैं और दोनों खुशी से रहते हैं और हंसी खुशी एक दूसरे के साथ अपनी पूरी जिंदगी बिताते हैं कुछ समय बाद इन दोनों का एक बेटा भी होता है जिसका नाम ये रित्विक रखते हैं तो दोस्तों यह स्टोरी यही एंड होती है.
Mai aasha karta hu apko ye story pasand aai hogi.
Thank you everyone.
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